भारत में आंत्रोप्न्योरशिप की तरफ युवाओं ने कदम बढ़ाए हैं. लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी होता है शुरुआती कैपिटल, जो बैंक से जुटाने के लिए कोलेट्रल यानी गारंटी की जरूरत पड़ती है. आपके बिजनेस के लिए कैपिटल की कमी रोड़ा न बने, इसके लिए कई फिनटेक सामने आए हैं. लोन की प्रक्रिया आसान बनाने की ऐसी ही कोशिश कर रहा है स्टार्टअप लेंडिंगकार्ट (Lendingkart).
गुजरात का ये फिनटेक सिर्फ 72 घंटों में व्यापारियों को कोलेट्रल फ्री छोटे कर्ज देता है. ये कोलेट्रल फ्री लोन 36 महीने तक के लिए दिए जाते हैं. 2 करोड़ रुपये तक के लोन देता है स्टार्अप Lendingkart.
नए बिजनेस के लिए वर्किंग कैपिटल की सुविधा
2014 में शुरुआत से अब तक Lendingkart ने करीब 70 हजार ग्राहकों में कुल 4,500 करोड़ रुपये के लोन दिए हैं. कंपनी 6 से 36 महीनों के लिए 5 लाख रुपये तक के लोन देती है, जो बिजनेसेज वर्किंग कैपिटल के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं.
Lendingkart के को-फाउंडर हर्षवर्धन लूनिया एडवाइजरी बिजनेस में काम कर चुके थे. लेकिन लेंडिंग में उनका तजुर्बा तब नया था. लूनिया ने कहा कि इसे बनाने के लिए हमें एक टीम चाहिए थी जो इसे बना सके. बिना देखे और मिले कर्ज लेने वालों के लिए एक प्लेटफार्म बनाना था. इसके अलावा ऐसे लोग भी चाहिए थे जो हमें लोन देने के पैसे दें. ऐसी कुछ चुनौतियों का हम हल निकाल रहे हैं.
देशभर के 1300 शहरों में पहुंच
1.10 करोड़ रुपये में शुरू हुए स्टार्टअप ने अब तक करीब 1 हजार करोड़ रुपये की इक्विटी जुटाई है. Lendingkart मुंबई, दिल्ली, एनसीआर, कोलकाता और अहमदाबाद में अपने ऑफिस के जरिए अपनी अच्छी पकड़ बना चुका है. इनके अलावा कंपनी करीब 1,300 शहरों में छोटे व्यापारियों को लोन मुहैया करा रही है
इनको मिलता है लोन
हर्षवर्धन लूनिया का कहना है कि कंपनी छोटे बिजनेसेज जैसे कोचिंग क्लास, कंप्यूटर एकेडमी, मोबाइल फोन विक्रेता, कपड़ा व्यापारी, टू-व्हीलर रिपयेर शॉप को लोन देती है.