पेटीएम का IPO, जानिए इसमें इनवेस्ट करना होग सकता है कितना फायदेमंद – इन दिनों शेयर मार्केट में आईपीओ का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। कई कंपनियां मार्केट में अपना आईपीओ लॉन्च करती हैं और देखते ही देखते निवेशक जमकर उसमें अपना पैसा लगाते हैं। इसी क्रम में अब देश की जानी मानी कंपनी पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशनंस लिमिटेड का भी आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। जो कि 10 नवंबर तक निवेशकों के लिए खुला रहेगा।
हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि इसके शेयर लिस्ट होने पर निवेशकों को कितना फायदा होगा। वहीं अगर पेटीएम की बात करें, तो बीते दो तीन सालों में इस कंपनी ने काफी बड़ी पहचान बनाई है। हालांकि इसके आईपीओ कितने असरदार हैं, यह तो समय बताएगा। उससे पहले हम आपको इसके बारे में सबकुछ बताने जा रहे हैं।
जाने निवेश की सीमा
इस आईपीओ के जरिए कंपनी के मौजूदा इनवेस्टर्स 10000 करोड़ रुपए के शेयरों की सेल करेंगे। जबकि बाकी के 8300 करोड़ रुपए के ताजा शेयर जारी होंगे। ऐसे में हर इनवेस्टर को कम से कम 12900 रुपए का निवेश करना होगा। दरअसल पेटीएम इश्यू का मिनिमम बिड साइज 6 शेयरों का है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि 6 मल्टिपल के शेयरों में बिड की जा सकती है। निवेशक ज्यादा से ज्यादा 15 लॉट के लिए ही बिड कर सकते हैं।
इस इश्यू का 75 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए होगा, जबकि 15 फीसदी हिस्सा एनआईआई के लिए और बाकी का बचा 10 फीसदी हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए होगा।
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जानिए कौन सेल करेगा शेयर
इस आईपीओ के जरिए जो शेयरों की सेल की जानी है। उसमें पेटीएम के फाउंडर समेत कई निवेशक अपने शेयर सेल करेंगे। जिसमें सबसे पहले तो पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा अपने शेयर सेल करेंगे, इसके बाद चीन के एंट ग्रुप, अलीबाबा और जापान का सॉप्टबैंक और एलिवेशन कैपिटल भी इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी कम करेगा। वहीं इस आईपीओ के जरिए जो राशि इकट्ठा होगी, इसका इस्तेमाल विजय शेखर शर्मा QBE Raheja के साथ अपनी डील करने के लिए करेंगे।
फ्रेश इश्यू भी किए जाएंगे जारी
इस आईपीओ के जारी होने के साथ कंपनी जहां मोटी कमाई करने की सोच रही है। तो वहीं साथ ही 8300 करोड़ रुपए के फ्रेश इश्यू भी जारी करने की योजना कंपनी की ओर से बनाई गई है। पेटीएम का टारगेट इक्विटी के जरिए इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग में 10000 करोड़ रुपए के ऑफर फॉर सेल के अलावा 8300 करोड़ रुपए के फ्रेश इश्यू करने का है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस लेनदेन में पेटीएम की बाजार हिस्सेदारी भी लगभग 11 फीसदी थी। वहीं फोन पे की इसमें हिस्सेदारी 45 फीसदी और गूगल की हिस्सेदारी 35 फीसदी है।
लापरवाही पड़ सकती है भारी
अगर आप इन आईपीओ में पैसा लगाने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको सबसे पहले इसके लाभ और नुकसान दोनों पहलुओं पर मंथन करना चाहिए। जिसमें आरबीआई और आईआरडीए के कई नियम कानून शामिल हैं। जिसका पालन कंपनी को हर हाल में करना होता है। ऐसे में अगर कंपनी कंज्यूमर्स को रोकने, नए कंज्यूमर्स को जोड़ने और ट्राजेक्शन का वॉल्यूम बढ़ाने में नाकाम रहती है, तो इसका कंपनी के मुनाफे पर असर पड़ सकता है।